Welcome friends...
(Exploring Netarhat)
This is one of my favorite Trips.
This blog came early because Engineer cum Blogger Vishal Bhaiya told me to do this.
''This is the first part of the Netarhat Trip, Second Part is also there.
I urge you to read both for an awesome experience.
Thank You''.
Let's know about Netarhat-
Netarhat is a hill station in the Latehar district in the Indian state of Jharkhand. It is also referred to as the "Queen of Chotanagpur".
(Netarhat: Jharkhand’s Secret Hill Station)
Tourist Places:-
Netarhat is known for its sunrises and sunsets during the summer months. It is located within forests that have varied flora and fauna.
Netarhat has several places of tourist interests as follows:-
- Upper Ghaghri Falls, has situated 4 km from away from Netarhat.
- Lodh Falls, is the highest waterfall of Jharkhand and 21st highest in India. This waterfall is situated at 70 km away from Netarhat and in the forest of Sal.
- Mahuadandr Wolf Sanctuary, it is the lone sanctuary in India made for the protection of wolves and mainly consists of Indian wolves.
- Magnolia Point, is 10 km away from Netarhat and is known for its sunset.
- Sunrise Point, is situated in Netarhat and known for its sunrise in the mornings.
- Lower Ghaghri Falls is situated 10 km away from Netarhat and is known for its waterfall.
- Koel River View Point is 3 km from Netarhat.Suga Bandh Falls is situated at 70km away from Netarhat and is a picnic spot for locals.
- Sadni Falls is 35 km from Netarhat.
- Betla National Park is situated 94 km away from the place and known among the first national parks in India to become a tiger reserve under Project Tiger (Palamu Tiger Reserve), 64km away from Netarhat. It also houses two historic forts of Chero Kings.
- Pear Orchards and Pine Forests are initiatives of the local Forest Department and they planted a lot of trees in the place.
- Netarhat Residential School, boarding school, and one of the few modern 'Gurukuls' left in India.
Lets back to the blog in Hindi.....
जब हम लोग नेतरहाट जाने की योजना बना रहे थे तब उस समय जाने के लिए कुल 12 लोग थे । परन्तु जाते समय कुल 8 लोग ही जा पाये।
- Ravishankar Bhai (Chotu Bhaiya).
- Laxmi Raj Kishore (Laxmi).
- Ravi Mahali Bhai.
- Sanjay Soren (Mahali's Friend).
- Sujeet Singh.
- Baleshwar Mahto.
- Ravi Kant Roy (Ravi Bhai).
- Anupam Nag (Self)
नेतरहाट का ट्रिप दो दिन का ट्रिप था । जिसमे 4 बाइक और 8 लोग थे और सभी के पास हेलमेट और सेफ्टी इक्विपमेंट्स थे।
(Calm Before the Storm)
जिस दिन हमे निकलना था , उस दिन का मौसम बहुत ख़राब था । ऐसा हम लोगो ने मौसम की रिपोर्ट से पता किया था । जिसकी वजह से और 4 लोग नहीं जा पाए ।
प्लान जाने के दिन पर ही निर्भर कर रहा था ।
निकलने के एक दिन पहले ही संजय भाई बारिश में भीगते हुए बोकारो से रांची पहुंच चुके थे, जिसे देख कर हम लोगो में जोश आया।
जाने के दिन हम लोग को जल्दी निकलना था। सुबह सुबह हलकी बारिश हो रही थी।
हम लोग तब भी हॉस्टल से निकल चुके थे, हम लोग भदानी में नाश्ता करने लगे और छोटू भैया का इंतज़ार कर रहे थे। जिन्होंने आने में हलकी देरी की परन्तु हम लोगो ने रस्ते में ही समय कवर कर लिया ।
(From left to right : Sanjay,Ravi Mahali,Radhe Bhaiya,Chotu Bhaiya,Laxmi,Bale Bhai,Sujeet,Ravi Kant,Anupam)
समय हम लोगो के साथ था, उस दिन रस्ते में कही बारिश नहीं हुई। सच ही कहा गया हैं -
“Life is either a daring adventure or nothing at all” – Helen Keller
हम लोगो निकल चुके थे एक ऐसे सफर में जिसे शब्दों में वर्णन कर पाना थोड़ा मुश्किल सा है
आप लोग 'Roy Movie' तो नहीं देखी होगी परन्तु उसमे एक गाना है ''Tu Hai Ki Nahi' यथार्थ वैसे ही था मौसम बादलो वाला जिसमे धुप की कोई किरण नहीं , पेड़ो से घिरी हुई सड़क बिलकुल वैसे ही जैसे उस गाने में दिखाया गया है ।
हम लोगो को करीब 160 किमी की दुरी तय करनी थी ।
बीच बीच में हम लोग रुक रुक के फोटोज भी लेना शुरू कर दिया था।
नेतरहाट एक हिल स्टेशन है, जो की पूर्ण नेतरहाट पहाड़ो पर है धीरे धीरे हम लोग पहाड़ो पर चढ़ना शुरू कर दिया ।
रास्ते जलेबी मोड़ जैसी थी जिसे सावधानी पूर्वक हम लोगो ने पार किया ।
इतनी लम्बी और सुन्दर बाइक ट्रिप इससे पहले मैंने कभी अनुभव नहीं किया था ।
रास्ते के बीच में पाइन पेड़ो का वन (Pine Forest)भी आया ।
नेतरहाट की वादियां धरती पर स्वर्ग देखने का एहसास दिलाती है।
एक बार जो नेतरहाट चला गया, वह नेतरहाट को जिंदगी भर नहीं भूल सकता। मैगनोलिया प्वाइंट, नासपाती बगान, अपर घघरी, लोअर फॉल, शैले हाउस, पलामू बंगला, नेतरहाट स्कूल आदि की सुंदरता नेतरहाट की खूबसूरती में चार चांद लगा देती है।
वहीं, यहां से ऊंची-ऊंची चोटियों व खाइयों से विहंगम दृश्यों की सुंदरता देखते ही बनती है। यहां की वादियों में चलने वाली ठंडी हवा मन के तार को बरबस ही छेड़ने लगती है.
इसी बीच हम लोग नेतरहाट पहुंच कर सबसे पहले होटल में एक बड़ा सा रूम लिया जिसमे सारे लोग आ गए ।
हम लोगो ने वह खाना खाया और Upper Ghaghri Fall के लिए निकल गए जो की पास था ।
वाटर फॉल में पानी कम होने की वजह से हमे ज्यादा आनंद नहीं आया और हम लोग वहाँ से Magnolia Sunset Point की और रवाना हुए ।
आइये Magnolia Sunset Point के एक खूबसूरत इतिहास के बारे में जानते हैं
नेतरहाट की इन खूबसूरत नजारों के अलावा यहां एक अंग्रेज ऑफिसर की बेटी व नेतरहाट के चरवाहे की अधूरी प्रेम कहानी का जीता-जागता उदाहरण है।
नेतरहाट में एक अंग्रेज अधिकारी की बेटी व चरवाहे की प्रतिमा स्थापित है, जो दोनों की प्रेम कहानी की गवाही देती है। बताते है कि एक अंग्रेज ऑफिसर को नेतरहाट बहुत पसंद था। वह सपरिवार नेतरहाट घूमने आया और वहीं रहने लगा। उसकी एक बेटी थी। उसका नाम मैगनोलिया था।
नेतरहाट गांव में ही एक चरवाहा था, जो सनसेट प्वाइंट के पास प्रतिदिन आता था ।अपने मवेशियों को चराता था. मवेशी चराने के दौरान वह सनसेट प्वाइंट पर बैठ जाता था। इसके बाद वह मधुर स्वर में बांसुरी बजाता था। इसकी चर्चा आसपास के कई गांवों में होती थी।
चरवाहे की बांसुरी की मधुर आवाज ने मैगनोलिया के दिल को छू लिया। मन ही मन वह बांसुरी बजाने वाले से प्रेम करने लगी। उसकी दीवानगी में मैगनोलिया भी सनसेट प्वाइंट के पास आने लगी। फिर दोनों धीरे-धीरे घुल-मिल गये।
मैगनोलिया घर से भाग कर हर दिन सनसेट प्वाइंट के पास चली जाती। यहां चरवाहा उसे बांसुरी बजा कर सुनाता था। कुछ दिनों बाद इसकी जानकारी मैगनोलिया के पिता अंग्रेज ऑफिसर को हो गयी। अंग्रेज अधिकारी आग बबूला हो गया। पहले तो अंग्रेज अधिकारी ने चरवाहा को समझाया। उसे मैगनोलिया से दूर रहने की नसीहत दी। लेकिन, प्यार में डूबे चरवाहा ने मैगनोलिया से दूर जाने से मना कर दिया।
गुस्से में आकर अंग्रेज अधिकारी ने चरवाहा की हत्या करवा दी। इसकी जानकारी मैगनोलिया को हुई, तो वह रो पड़ी। उसका दिल बार-बार चरवाहे को खोजता रहा. चरवाहे की मौत से आहत मैगनोलिया घोड़े के साथ सनसेट प्वाइंट के पास पहुंची और घोड़ा सहित पहाड़ से कूद गयी। उसकी मौत हो गयी।
नेतरहाट में वह पत्थर आज भी मौजूद है, जहां बैठकर चरवाहा बांसुरी बजाता था। प्रशासन ने इस स्थल को बेहद खूबसूरती से सजाया है। यहां मैगनोलिया व चरवाहे की प्रतिमा लगायी गयी है। महुआडांड़ के देवनंदन प्रसाद ने बताया कि अधूरी प्रेम कहानी का गवाह है, नेतरहाट का पहाड़। यहां भारत के कोने-कोने से लोग आते हैं।
तो ये था पूरा इतिहास Magnolia Sunset Point का।
वापस आते समय बीच में पाइन फारेस्ट मिला । अँधेरा होने के वजह से वहाँ का दृश्य और डरावना हो चूका था , सभी तरफ शांति ही शांति । हम लोगो ने वहाँ भी मस्ती एवं मज़ाक की अँधेरे जंगल में (Men will be Men
😍
) ।हम लोग वापस होटल में आ कर आराम किये ।
हम लोगो ने रात्रि में खाना खाया और पलामू बंगले की ओर पैदल ही घूमने निकले ।
जिसे हम लोग NIght Walk भी कह सकते है, जिसे Laxmi ने अपनी भूतिया कहानी से Horror Nght Walk बना दिया था ।
हम लोग वापस होटल आकर सोने की कोशिश करने लगे क्योकि एक ही रूम में सब थे तो जल्दी सो जाना थोड़ा नामुमकिन सा है । जहा महली भाई गोवा का प्लान बना रहे थे और बाकि सब कैंसिल कर रहे थे । बाकि बाते नहीं बता सकते Family Blog है भाई ।
हम लोगो ने अगले दिन का प्लान बनाया । सुबह होते ही हमे Sunrise Point और Pine Forest जाना तय हुआ जहा हमने खूब मस्ती की इसलिए अगला ब्लॉग जरूर पढ़े ।
आगे की कहानी अगले ब्लॉग में ।
''This is the first part of the Netarhat Trip, Second Part is also there.
I urge you to read both for an awesome experience.
Thank You''.
......Anupam
Interesting and awesome blog ...
ReplyDeleteThank you
DeleteOhh Wah dost mujhe bhi jana h tu hain ki nahi wale road pr
ReplyDeleteChlege sath me phr kabhi
DeleteI like the part where u include their incomplete love story.........all images r owesome....keep goin..!
ReplyDeleteThank u Mona Dada
DeleteTu hai ki nahi wale road pr hm bhi jaana chahenge...
ReplyDeleteYes
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